Financial Handbook Volume 2 to 4

वित्तीय हस्त पुस्तिका  का संशोधित संस्करण, खंड II, पहले 4 भागों में विभाजित था।  जिसमें भाग I में उन मौलिक नियमों को शामिल किया गया है जो राज्य सचिव के नियम-निर्माण नियंत्रण के तहत सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जिसे अलग से प्रकाशित किया गया।

Financial Handbook Volume 2 to 4

वर्तमान में शेष भाग II से IV अब एक साथ प्रकाशित किए गए हैं।    

वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड 2 से 4 के भाग  II में उत्तर प्रदेश के मौलिक नियम शामिल हैं जो भारत सरकार अधिनियम, 1935 के धारा 241 (2) (b) के तहत गवर्नर द्वारा बनाए गए हैं, और इन नियमों के तहत जारी आदेश शामिल हैं। इसमें ऑडिटर जनरल द्वारा मौलिक नियमों के संबंध में जारी ऑडिट निर्देश भी शामिल हैं जो उत्तर प्रदेश के मौलिक नियमों पर समान रूप से लागू होते हैं। ये नए नियम सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं जो उत्तर प्रदेश के मामलों से संबंधित हैं जिनकी सेवा की शर्तें गवर्नर द्वारा उपरोक्त अधिनियम की धारा के तहत निर्धारित की गई हैं या की जा सकती हैं। इन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होने पर ये नियम अब मौलिक नियमों को प्रतिस्थापित करते हैं।

वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड 2 से 4 के भाग III में सहायक नियम शामिल हैं जो इस सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जिसमें राज्य सचिव के नियम बनाने के नियंत्रण के तहत सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। ये केवल उन सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होते हैं जो इस श्रेणी में आते हैं, जब तक कि ये भारत सरकार अधिनियम, 1935 की धारा 247 (1) (b) के प्रावधानों के अनुसार उनके लिए प्रासंगिक हैं।

वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड 2 से 4 के भाग III भाग I से III में निहित नियमों के तहत किए गए शक्तियों के प्रतिनिधित्व और इन नियमों से संबंधित निर्धारित प्रपत्र भाग IV में पाए जाएंगे। पहले से लागू प्रतिनिधित्वों को अनुकूलित किया गया है।

नमस्कार दोस्तों। मेरा नाम विजय रणबीर सिंह है। आपका यहाँ स्वागत है। इस वेबसाईट के माध्यम से मेरा प्रयास है कि सरकारी कार्मिकों को उनकी सेवा संबंधी सभी जानकारियाँ एक प्लेटफ़ॉर्म पर उपलंध कराई जाए। आपके सुझाव और परामर्श अपेक्षित हैं।

14 thoughts on “Financial Handbook Volume 2 to 4”

  1. भाई ये कमेंट सेक्शन पब्लिक देख सकती है या प्राईवेट हैं।

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  2. क़पया ये बता सकते है कि अध्‍यन अवकाश में इन्‍क्रीमेन्‍ट लगता है कि नही

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    • नमस्कार संतोष जी। अध्ययन अवकाश यदि 1 वर्ष से अधिक है तो वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी।

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    • उत्तर प्रदेश मूल नियम

      [नियम 26 ख

      (ii) भारत से बाहर पूर्ण वेतन पर प्रतिनियुक्ति और नियम 84 के अधीन स्वीकृत अध्ययन अवकाश उस पद में वेतन वृद्धि के लिए जिसमें वह भारत से बाहर प्रतिनियुक्ति पर या अध्ययन-अवकाश पर जाने से पूर्व स्थानापन्न रुप से कार्य कर रहा हो, उस शर्त पर गिन लिया जायगा कि सरकारी कर्मचारी ने उस या उसी वेतनक्रम के पद पर स्थानापन्न रूप से काम किया होता अगर वह प्रतिनियुक्ति या अध्यन अवकाश पर न गया होता :

      किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि अध्ययन-अवकाश वेतन वृद्धि के लिये – तभी गिना जायेगा जब सरकारी कर्मचारी ने उस पर जाते समय शासन के अधीन कम से कम तीन वर्ष की सेवा की हो।

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  3. यदि कोई केंद्र सरकार की सेवा से लियन के साथ टेक्निकल रिजाइन ले कर उत्तर प्रदेश शासन में आता है तो उसे उत्तर प्रदेश शासन में क्या लाभ मिलेंगे ?

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    • यदि पुरानी पेंशन के कार्मिक हैं तो सेवा जोड़े जाने की व्यवस्था है। और यदि nps के कार्मिक हैं तो वेतन सरंक्षण का लाभ मिलेगा। वर्तमान में केंद्र सरकार ने nps के कार्मिकों के लिए graituity दिए जाने की व्यवस्था कर दी है। यदि उत्तर प्रदेश सरकार ने graituity के लिए सेवा जोड़े जाने की व्यवस्था कर दी हो तो तब graituty पूरी मिलेगी.

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      • यदि इसका उल्टा हो यानी राज्य सरकार से केंद्र सरकार मे गया हो तब क्या लाभ राज्य सरकार से मिलेगा

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  4. Will I be eligible for half salary if I am doing course from private college? State government employee of uttarakhand.

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    • अध्ययन अवकाश की व्यवस्था के अंतर्गत यदि किसी कार्मिक को 5 वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी हो, स्थायीकरण हो गया हो। अध्ययन अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
      इसके लिए LWP की व्यवस्था भी व आधे वेतन की भी।
      आपका क्या अध्ययन है वह विस्तार में देखना होगा

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  5. Nirvachan mai goverment holiday mai ki gai duty ke pratikar awkash yadi 15 se jyada hain aur har mahine 2 pratikar lene par bhi ush calender year mai khatam nahi ho rahe hain to duty karne ke 1 year tak vo pratikar awkash liya ja sakte hai kya

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    • प्रतिकर अवकाश के नियमानुसार उसी माह में उपभोग कि व्यवस्था है, परंतु यदि सक्षम अधिकारी चाहे तो उसी कैलेंडर वर्ष में स्वीकृत कर सकता है। प्रतिकर अगले वर्ष मे नहीं जुड़ेंगे।

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