ACP Pay fixation 6th Pay

ACP Pay fixation 6th Pay How to Pay fixation in ACP 6th CPC – 6TH PAY COMMISSION में दिनांक 01-01-2006 से केंद्र और राज्य कर्मचारियों के लिए  assured career progression की संस्तुति की गई। इससे पूर्व समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू थी जिसे बदलकर राज्य कर्मचारियों के लिए एसीपी की यह व्यवस्था दिनांक 01-09-2008 से लागू की गई। इसके अंतर्गत किसी कार्मिक को यदि सम्पूर्ण सेवाकाल मे न्यूनतम तीन पदोन्नति प्राप्त नहीं हों तो उस कार्मिक को प्रथम एसीपी 10 वर्ष में, द्वितीय एसीपी 16 वर्ष में तथा तृतीय एसीपी 26 वर्ष में देय होगी। परंतु यह विशेष ध्यान दिया …

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7th Pay Fixation Formula

How Can We 7th COMMISSION PAY FIXATION 7th Pay Fixation Formula 7th PAY COMMISSION की संस्तुतियों पर केन्द्र सरकार द्वारा वेतनमान के सम्बन्ध में  लिये गये निर्णय के आधार पर राज्य सरकारों द्वारा प्रदेश सरकारों के विभिन्न शासकीय कर्मचारियों के वेतनमानों के पुनरीक्षण हेतु वेतन समिति का गठन किया गया। उक्त समितियों के प्रतिवेदनो में की गई संस्तुतियों को विचारोपरान्त कतिपय संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया। सातवें  वेतनमान की कुछ विशेषताएं-  7th Pay Fixation Formula PAY FIXATION 6TH PAY EXAMPLE-  मूल वेतन- 20000+ ग्रेड वेतन- 4800  (LEVEL-8 ) योग- 24200 x 2.57= 62,194.00     LEVEL 8  में समकक्ष कोष्ठिका- …

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Joining Period-कार्यभार ग्रहण काल क्या है

Joining Period-कार्यभार ग्रहण काल सन्‍दर्भ वित्‍ती हस्‍तपुस्तिका खण्‍ड-2 भाग 2 से 4 अध्‍याय 11 मूल नियम 105 से 108 सहायक नियम- अध्‍याय 7    नियम 38 से 41 अध्‍याय 18    नियम 173 से 184 (क) अध्‍याय 20    नियम 197 शासकीय नियम संग्रह प्रस्‍तर 1032 से 1035 तक सरकारी सेवकों को जनहित में एक पद से दूसरे पद पर स्‍थानान्‍तरिक/नियुक्‍त किये जाने पर, उसे नये पद कार्यभार ग्रहण करने हेतु घरलू व्‍यवस्‍था करने तथा नियुक्ति के स्‍थान तक यात्रा करने के लिए नियमों के अन्‍तर्गत अनुमन्‍य होने वाले समय को कार्यभार ग्रहण काल जाता हैं। मूल नियम 9 (7) …

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Types of Pension and Calculation

पुरानी पेंशन के प्रकार और आगणन Types of Pension and Calculation विभिन्न परिस्थितियों  में सेवा निवृत्त होने वाले शासकीय कर्मचारियों /अधिकारियों को निम्नांकित में से किसी एक प्रकार की पेंशन देय होती है:-   1- अधिवर्षता पेंशन (Superannuation Pension) (अनुच्छेद 458, सी0एस0आर0) प्रत्येक श्रेणी के राज्य कर्मचारियों के लिए सेवा की एक अधिवर्षता आयु निर्धारित होती है अर्थात एक निर्धारित आयु प्राप्त करने के उपरान्त ऐसे शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्त कर दिया जाता है। वर्तमान समय में सामान्यतः शासकीय सेवकों के सन्दर्भ में अधिवर्षता आयु 60 वर्ष है। इसके अतिरिक्त न्यायिक व कुछ अन्य सेवाओं के लिए अधिवर्षता आयु उपरोक्त से …

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पुरानी पेंशन योजना

पुरानी पेंशन योजना पुरानी  पेंशन योजना से सम्बन्धित नियम उत्तर प्रदेश सिविल सर्विस रेग्युलेशन  (सी0एस0आर0) में प्राविधानित हैं। दिनांक 01.04.1961 से पूर्व पेंशन सम्बन्धी शासन के कोई पृथक नियम नहीं थे एवं समस्त शासकीय सेवकों के पेंशन सम्बन्धी मामले सी0एस0आर0 में निहित नियमों के अन्तर्गत देखे जाते थे। उक्त नियमों में किसी कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु हो जाने पर, पारिवारिक पेंशन का कोई प्राविधान नहीं था।    पुरानी  पेंशन योजना के अंतर्गत दूसरे शब्दों में कहें तो,  सेवा की एक निश्चित अवधि पूर्ण करने के उपरान्त ही पेंशन देय होती थी। उक्त नियमों के अन्तर्गत कर्मचारी द्वारा सी0पी0फण्ड के …

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Travelling Allowance Rules वि0ह0पु0 खंड-3

Travelling Allowance Rules वि0ह0पु0 खंड-3 Travelling Allowance Rules Volume-3        All India Service Travelling Allowance Rules उत्तर प्रदेश-यात्रा भत्ता शासनादेश                    उत्तराखंड-यात्रा भत्ता शासनादेश वि0ह0पु0 खंड-3 में Travelling Allowance Rules की व्यवस्था निर्धारित है। वास्तविक यात्रा व्यय का अर्थ सरकारी कर्मचारी को उसके व्यक्तिगत सामान के साथ लाने-ले जाने की वास्तविक लागत है, जिसमें फेरी और अन्य टोल के लिए शुल्क और शिविर उपकरण की ढुलाई, यदि आवश्यक हो, शामिल है। इसमें होटल, यात्रियों के बंगले या जलपान के लिए या दुकानों या वाहनों की ढुलाई के लिए या कोचमैन और इसी …

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Financial Handbook Volume 2 to 4

वित्तीय हस्त पुस्तिका  का संशोधित संस्करण, खंड II, पहले 4 भागों में विभाजित था।  जिसमें भाग I में उन मौलिक नियमों को शामिल किया गया है जो राज्य सचिव के नियम-निर्माण नियंत्रण के तहत सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जिसे अलग से प्रकाशित किया गया। Financial Handbook Volume 2 to 4 वर्तमान में शेष भाग II से IV अब एक साथ प्रकाशित किए गए हैं।     वित्तीय हस्त पुस्तिका खंड 2 से 4 के भाग  II में उत्तर प्रदेश के मौलिक नियम शामिल हैं जो भारत सरकार अधिनियम, 1935 के धारा 241 (2) (b) के तहत गवर्नर द्वारा बनाए गए हैं, …

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