Promotion Forgo Rule 2 state UP & Uttarakhand

Promotion Forgo Rule 2 state UP & Uttarakhand

पदोन्नति का परित्याग नियमावली उत्तराखंड 2020

राज्याधीन सेवाओं के अन्तर्गत कार्मिकों द्वारा पदोन्नति का परित्याग (Forgo) करने पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा निम्नलिखित प्रक्रिया अपनायी जा सकेगी यह नियमावली राज्याधीन सेवाओं के अन्तर्गत नियुक्त कार्मिकों की नियमित पदोन्नति के सम्बन्ध में लागू होगी।:-

प्रथम बार पदोन्नति से परित्याग (Promotion Forgo Rule 2 state UP & Uttarakhand)
कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकतम (1) राज्याधीन सेवाओं में विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा पदोन्नति आदेश में कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकतम पन्द्रह दिन की अवधि निर्धारित की जायेगी, किन्तु सम्बन्धित कार्मिक द्वारा कार्यभार ग्रहण करने हतु लिखित अनुरोध पर अपरिहार्य परिस्थिति में नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा पन्द्रह दिन का अतिरिक्त समय दिया जा सकेगा,

(2) यदि किसी कार्मिक द्वारा निर्धारित अवधि के  भीतर पदोन्नति के पद पर कार्यभार ग्रहण न कर लिखित रूप में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) प्रथम बार किया जाता है तो नियुक्ति प्राधिकारी ऐसे प्रकरणों में गुण-दोष के आधार पर निर्णय ले सकेंगे,

(3) यदि उसी चयन वर्ष में पुन विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आहूत की जाती है तो नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा उपनियम (2) के अनुसार लिये गये निर्णय से विभागीय पदोन्नति समिति को अवगत कराया जायेगा और पदोन्नति का परित्याग (Forgo) करने वाले कार्मिक से कनिष्ठ (पदोन्नति  हेतु पात्र/उपयुक्त) कार्मिक की पदोन्नति की सस्तुति हेतु अनुरोध किया जा सकेगा,

नोशनल पदोन्नति का दावा नहीं परन्तु पदोन्नति का परित्याग (Forgo) करने वाला कार्मिक किसी नियम या शासनादेश में किसी बात के होते हुए भी कनिष्ठ की पदोन्नति की तिथि से नोशनल पदोन्नति का दावा नहीं कर सकेगा:
 विभागीय पदोन्नति प्रकिया प्रारम्भ होने से पूर्व ही आवेदन (4) यदि किसी कार्मिक के द्वारा विभागीय पदोन्नति प्रकिया प्रारम्भ होने से पूर्व ही सम्भावित चयन/पदोन्नति का परित्याग (Forgo) करने का लिखित अनुरोध किया जाता है तो ऐसा किया गया अनुरोध अनुशासनहीनता माना जायेगा एवं उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा 18 (2) के अन्तर्गत सम्भावित स्थानान्तरण से बचने का प्रयास तथा उसे कार्य के प्रति अभिरूचि न लेने आदि के आधार पर धारित पद पर ही उक्त अधिनियम की धारा 18(4) के अन्तर्गत प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित किया जा सकेगा,
 द्वितीय बार परित्याग  (5) यदि किसी कार्मिक द्वारा उसे दी गयी पदोन्नति को द्वितीय बार परित्याग (Forgo) किये जाने का लिखित अनुरोध किया जाता है तो सम्बन्धित कार्मिक के अनुरोध पर नियुक्ति प्राधिकारी उप नियम (3) एवं (4) के अनुसार कार्यवाई कर सकेंगे:
दो से अधिक बार पदोन्नति का परित्याग (6) यदि किसी कार्मिक द्वारा दो से अधिक बार पदोन्नति का परित्याग (Forgo) किये जाने का लिखित अनुरोध किया जाता है तो उत्तराखण्ड सरकारी सेवक ज्येश्वता नियमावली, 2002 अथवा अन्य किसी नियम/शासनादेश में किसी बात के होते हुए भी ऐसे कार्मिक पदोन्नति के पद पर अपनी ज्येष्ठता खो देंगे तथा खोई हुई ज्येष्ठता को पुनः प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

अनुशासनिक कार्यवाही का किया जाना- इस नियमावली के उपबन्धों को लागू करने मे शिथिलता बरते जाने पर उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 2002 तथा उत्तराखण्ड सरुकारी सेवक (अनुशासन एव अपील) नियमावली, 2003 के उपबन्धों के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही सस्थित की जा सकेगी।

आज्ञा से (राधा रतूड़ी) अपर मुख्य सचिव।

पदोन्नति का परित्याग नियमावली उत्तर प्रदेश  2022

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अपने शासनदेश संख्या 14/2022/सैंतालीस-क-2022 दिनांक 06 october 2022 में व्यवस्था लागू की कि शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय सरकारी सेवकों द्वारा पदोन्नति से इन्कार (Forgo) करते हुए पदोन्नति के पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया जाता है अथवा एक बार पदोन्नति से इन्कार (Forgo) किए जाने के पश्चात पुनः पदोन्नति की मांग की जाती है। इस प्रकार के प्रकरणों में शासन की कोई स्थापित व्यवस्था न होने के कारण नियुक्ति प्राधिकारियों को निर्णय लेने में असहजता की स्थिति का सामना करना पड़ता है। किसी भी सरकारी सेवक द्वारा पदोन्नति से इन्कार (Forgo) किए जाने के मामलों में, निम्नवत् व्यवस्था के अनुसार कार्यवाही सुनिधित की जायेगी:-

(क) पदोन्नति से इन्कार करने वाले संबंधित सरकारी सेवक से इस आशय का विधिवत् शपथ-पत्र प्राप्त कर लिया जाए कि वह भविष्य में पुनः कभी भी अपनी पदोन्नति की मांग नहीं करेगा।

(ख) एक बार पदोन्नति से इन्कार (Forgo) करने के पश्चात संबंधित सरकारी सेवक को भविष्य में होने वाली पदोन्नति हेतु पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।

(ग) ऐसे सरकारी सेवक जिनके द्वारा पदोन्नति से इन्कार (Forgo) किया जाता है, के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी पदोन्नति से इन्कार करने के कारणों का विश्लेषण करते हुए स्वविवेक से यह निर्णय लेगे कि उन्हें भविष्य में, जनहित में, संवेदनशील/महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जाए अथवा नहीं।

आज्ञा से (दुर्गा शंकर मिश्र) अपर मुख्य सचिव।

समयमान वेतनमान

समयमान वेतनमान

उत्तराखंड राज्य में समयमान वेतनमान व्यवस्था शासनदेश संख्या 1014/01-वित्त/2001 दिनांक 12 मार्च 2001 के द्वारा वेतन समिति (1997-99) की संस्तुतियों पर लिए गए निर्णयानुसार राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के शासनादेश संख्या 560 दिनांक 02 दिसंबर 2000 के अनुरूप उत्तराखंड राज्य के कर्मचारियों को भी तदनुसार समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू की गई।

(समयमान  वेतनमान से संबंधित शासनादेश)

समयमान व्यवस्था के अंतर्गत ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनके पद के वेतनमान का अधिकतम रू0 10500 तक है, उन्हे समयमान वेतनमान की निम्न व्यवस्था लागू की गई है:-

प्रथम वेतनवृद्धि- अधिकारी/कर्मचारी, जो एक पद पर 8 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा दिनांक 01-01-1996 अथवा उसके बाद की तिथि को पूर्ण करते हैं, उन्हे समयमान वेतनमान के अंतर्गत सेलेक्शन ग्रेड का लाभ अनुमन्य कराने हेतु पद के पुनरीक्षित वेतनमान में ही उस तिथि को एक वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाए।
प्रथम वैयक्तिक प्रोन्नत वेतनमान- ऐसे अधिकारी/कर्मचारी, जो सेलेक्शन ग्रेड के लाभ की तिथि से 6 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा सहित कुल 14 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो और संबंधित पर पर नियमित हो चुके हों, को प्रोन्नति का अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से अनुमन्य होगा। ऐसे संवर्ग/पद जिनके लिए प्रोन्नति का कोई पद नहीं है। उनको उस वेतनमान से अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से देय  होगा।
प्रथम  वैयक्तिक प्रोन्नत/अगले वेतनमान में वेतनवृद्धि- प्रथम प्रोन्नत वेतन माँ से 5 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण करने अथवा 19 वर्ष की सेवा पर एक वेतनवृद्धि का लाभ दे होगा।
द्वितीय वैयक्तिक प्रोन्नत वेतनमान- ऐसे अधिकारी/कर्मचारी, जिन्हे प्रथम  वैयक्तिक प्रोन्नत/अगले वेतनमान में वेतनवृद्धि की तिथि से 5 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा सहित कुल 24 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो , को प्रोन्नति का द्वितीय  वेतनमान वैयक्तिक रूप से अनुमन्य होगा। ऐसे संवर्ग/पद जिनके लिए प्रोन्नति का कोई पद नहीं है। उनको उस वेतनमान से अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से देय  होगा।

How to Pay fixation in ACP 6th CPC

How to Pay fixation in ACP 6th CPC

How to Pay fixation in ACP 6th CPC – 6TH PAY COMMISSION में दिनांक 01-01-2006 से केंद्र और राज्य कर्मचारियों के लिए  assured career progression की संस्तुति की गई। इससे पूर्व समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू थी जिसे बदलकर राज्य कर्मचारियों के लिए एसीपी की यह व्यवस्था दिनांक 01-09-2008 से लागू की गई। इसके अंतर्गत किसी कार्मिक को यदि सम्पूर्ण सेवाकाल मे न्यूनतम तीन पदोन्नति प्राप्त नहीं हों तो उस कार्मिक को प्रथम एसीपी 10 वर्ष में, द्वितीय एसीपी 16 वर्ष में तथा तृतीय एसीपी 26 वर्ष में देय होगी। परंतु यह विशेष ध्यान दिया जाए कि इस लेख में केवल छठे वेतनमान के अनुसार एसीपी की व्यवस्था के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।  इस प्रक्रिया के अनुसार उन्ही प्रकरणों पर कार्यवाही की जाएगी जो केवल दिनांक 31-12-2016 तक की अवधि के लिए होंगे।  उसके आगे के लिए सातवें वेतनमान के अनुसार एम0ए0सी0पी0 (MACP- Modified Assured Carrier Progression) लागू होगी, जिसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं।

एसीपी की कुछ मुख्य विशेषताएं- 
  1. किसी कार्मिक को यदि पूरे सेवाकाल में न्यूनतम 3 पदोन्नति प्राप्त नहीं होती हैं तो उस कार्मिक को प्रथम एसीपी 10 वर्ष में, द्वितीय एसीपी 16 वर्ष में तथा तृतीय एसीपी 26 वर्ष में देय होगी।
  2. यदि किसी कार्मिक को प्रथम पदोन्नति तो हो गई है परंतु द्वितीय पदोन्नति नहीं हुई है तो उस दशा में उसे प्रथम पदोन्नति से 6 वर्ष बाद अथवा सम्पूर्ण सेवा के 16 वर्ष पूरे होने पर, जो भी पहले हो पर द्वितीय एसीपी देय होगी।
  3. इसी प्रकार किसी कार्मिक की प्रथम और द्वितीय पदोन्नति तो हो चुकी है लेकिन तृतीय पदोन्नति न हुई हो तो उस कार्मिक को द्वितीय पदोन्नति से 10  वर्ष बाद अथवा सम्पूर्ण सेवा के 26 वर्ष पूरे होने पर, जो भी पहले हो पर तृतीय एसीपी देय होगी।
  4. यदि किसी कार्मिक को 10 वर्ष की सेवा पर भी कोई पदोन्नति प्राप्त नहीं हुई है तो उस दशा में उसे 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम एसीपी देय होगी। वहाँ पर उसे प्राप्त हो रहे न्यूनतम वेतनमान पर एक वेतन वृद्धि प्राप्त होगी और अग्रेतर ग्रेड वेतन प्रदान किया जाएगा। परंतु भविष्य में उस पद पर वास्तविक पदोन्नति होने पर कोई वित्तीय लाभ देय नहीं होगा। क्योंकि वह पूर्व मे वह लाभ प्राप्त कर चुका है। यही स्थिति प्रत्येक पदोन्नति और एसीपी के लिए समान रूप से लागू होगी।
  5. 01 जनवरी से 30 जून तक की अवधि के लिए वेतनवृद्धि की तिथि माह जनवरी तथा 01 जुलाई से 31 दिसंबर तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जुलाई रहेगी।
  6. वेतनवृद्धि की आगणित राशि मूल वेतन और ग्रेड वेतन के योग का 3% होगी।
  7. एसीपी का लाभ सीधी भर्ती के पद से मिलता है। माना कोई कार्मिक लिपिक संवर्ग में दिनांक 01-01-1996 कनिष्ठ लिपिक ग्रेड वेतन-2000 के पद पर नियुक्त हुआ हो। और उसकी शैक्षिक योग्यता को देखते हुए उसे दिनांक 01-01-2003 को सहायक लेखाकार ग्रेड वेतन- 2800 पर तैनाती दी जाती है।  तो उसे द्वितीय  एसीपी के रूप में सीधी भर्ती की तिथि से 16 वर्ष की सेवा पर 01-01-2012 को ग्रेड वेतन 4200 देय  होगा।
  8. प्रदेश के अन्य विभागों में समान वेतनमान में की गई सेवा को एसीपी के लिए जोड़ा जा सकता है। परंतु उसके लिए उस कार्मिक की नए विभाग में परिवीक्षा अवधि पूर्ण होनी आवश्यक है। उक्त नियम को

pay fixation in ACP EXAMPLE- 9300+4200= 13500x 3/100= 405 (10 के गुणांक में 410) वेतनवृद्धि के बाद वेतन 9300+410+4200= 13910

संशोधित वेतन ढाँचे में पदोन्नति अब दो प्रकार से सम्भव हो सकती है-

A – एक ही वेतन बैंड के अन्दर एक ग्रेड वेतन से दूसरे ग्रेड वेतन में पदोन्नति ।

B – एक वेतन बैंड से दूसरे वेतन बैंड में पदोन्नति.

दिनांक 01 जनवरी 2006 को या उसके पश्चात संशोधित वेतन ढांचे में एक ग्रेड पे से दूसरे ग्रेड पे में पदोन्नति की स्थिति में PAY FIXATION निम्नानुसार किया जायेगा।

वेतन बैंड में वेतन में अनुमन्य ग्रेड वेतन जोड़ कर इसके 03 प्रतिशत की धनराशि को 10 के अगले गुणांक में पूर्णाकित किया जायेगा। इस धनराशि को वेतन बैंड में मौजूदा वेतन में जोड़ दिया जायेगा। इसके बाद वेतन बैंड में इसके अतिरिक्त पदोन्नत पद के समकक्ष ग्रेड वेतन में वेतन प्रदान किया जायेगा। जहां पदोन्नति में वेतन बैंड में परिवर्तन भी हो ऐसी स्थिति में इसी प्रविधान के अनुसार कार्यवाही की जाएगी तथापि प्रोन्नति के ठीक पूर्व प्राप्त वेतन वृद्धि जोड़ने के बाद जहां वेतन बैंड में  वेतन पदोन्नति वाले पद के उच्च वेतन बैंड के न्यूनतम से काम होगा तो इस वेतन को उक्त वेतन बैंड में न्यूनतम के बराबर बढ़ा दिया जाएगा।

PAY FIXATION 6TH PAY COMMISSION में वेतन निर्धारण का उदाहरण- pay fixation in ACP

राम की 10 वर्ष की सेवा दिनांक 04-04-2012 को पूर्ण होती है। तत्समय उसका वेतन बैंड ₹15000 तथा ग्रेड वेतन ₹4,200 है। उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि 1 july 2012 को है। दिनांक 04-04-2012  को उसे प्रथम ए.सी.पी. 4,600 स्वीकृत किया जाता है। राम का प्रथम पदोन्नत पद ग्रेड वेतन 4800 है। इस सूचना के आधार पर उसका निम्नानुसार वेतन निर्धारण करें-

  1. एसीपी की स्वीकृति तिथि दिनांक 04-04—2012 को वेतन निर्धारण करें?
  2. कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण करें?
  3. दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार  पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण करें?

उत्तर -1- एसीपी स्वीकृति तिथि को आहरित वेतन- ₹15000+4200= 19200

एसीपी स्वीकृति पर देय ग्रेड वेतन – ₹ 4600

वेतन निर्धारण- (निम्न वेतनस्तर पर एक वेतनवृद्धि देय होगी)

19200*3/100=576 (10 के गुणांक में 580)  15000+580+4600=20180 (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)

2- कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण-

एसीपी की तिथि 04-04-2012 को मूल वेतन के साथ बढ़ा हुआ ग्रेड वेतन जुड़ जाएगा। 15000+4600=19600

ब- विकल्प की तिथि दिनांक 01-07-12 को निम्न वेतनस्तर पर 3% वेतनवृद्धि दो बार देय होगी। एक बार पदोन्नति के रूप में और दूसरी वार्षिक वेतनवृद्धि के रूप में।

15000+580+600+4600= 20780   (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)

3- दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार  पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण-

वेतन- 16180+4600=20780. पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन- 4800 पर वेतन-16180+4800=20980.

नोट- जिस प्रकार पदोन्नति पर वेतन वृद्धि की तिथि मे परिवर्तन होता है उसी प्रकार वेतन उच्चीकरण की दशा में भी आगामी वेतनवृद्धि की तिथि में परिवर्तन होता है। इस प्रकार इस प्रकरण में आगामी वेतनवृद्धि की तिथि 01 जुलाई 2014 हो जाएगी।  

7th Pay Fixation Formula

How Can We 7th COMMISSION PAY FIXATION

7th Pay Fixation Formula

7th PAY COMMISSION की संस्तुतियों पर केन्द्र सरकार द्वारा वेतनमान के सम्बन्ध में  लिये गये निर्णय के आधार पर राज्य सरकारों द्वारा प्रदेश सरकारों के विभिन्न शासकीय कर्मचारियों के वेतनमानों के पुनरीक्षण हेतु वेतन समिति का गठन किया गया। उक्त समितियों के प्रतिवेदनो में की गई संस्तुतियों को विचारोपरान्त कतिपय संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया।

सातवें  वेतनमान की कुछ विशेषताएं- 
  1. वार्षिक वेतन वृद्धि माह जनवरी और माह जुलाई नियत होगी।
  2. 01 जनवरी से 30 जून तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जनवरी रहेगी।
  3. 01 जुलाई से 31 दिसंबर तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जुलाई रहेगी।
  4. वेतनवृद्धि की आगणित राशि मूल वेतन और ग्रेड वेतन के योग का 2.57 गुना होगी।

7th Pay Fixation Formula

PAY FIXATION 6TH PAY EXAMPLE-  मूल वेतन- 20000+ ग्रेड वेतन- 4800  (LEVEL-8 ) योग- 24200 x 2.57= 62,194.00     LEVEL 8  में समकक्ष कोष्ठिका- 62200 

यदि वेतनवृद्धि की तिथि जनवरी है तो इसमें वेतनवृद्धि के रूप में अग्रिम कोष्ठिका- 64100 वेतन निर्धारित किया जाएगा। यदि जुलाई है तो 01 जुलाई को वेतनवृद्धि दे होगी। 

नियम यह भी है कि ऐसे मामलों में जहां सरकारी सेवक को 01 जनवरी, 2016 तथा इन नियमों की अधिसूचना के जारी होने की तिथि के मध्य पदोन्नति वेतन बैण्ड/ ग्रेड वेतन का उच्चीकरण, समयमान वेतनमान / ए०सी०पी० के कारण उच्च वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन / वेतनमान प्राप्त हुआ है, वह सरकारी सेवक ऐसी पदोन्नति वेतन बैण्ड/ ग्रेड वेतन का उच्चीकरण अथवा समयमान वेतनमान / ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत उच्च वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन / वेतनमान प्राप्त करने की तिथि से पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स अपनाये जाने के विकल्प का चयन कर सकता है।

वेतन निर्धारण का उदाहरण- इस नियम के अनुसार यदि कोई कार्मिक दिनांक- 31-12-2015 को मूल वेतन-9390  और ग्रेड वेतन- 2400 प्राप्त कर रहा है। तथा दिनांक 01-11-2016 को उसकी पदोन्नति ग्रेड वेतन 2800 में हो जाती है तो उसे  विकल्प का अधिकार होगा की वह सातवें वेतनमान के अनुसार अपना वेतन निर्धारण दिनांक 01-01-2016 के बजाय 01-11-2016 को निर्धारित करा सकता है। (पूर्व में वेतनवृद्धि की तिथि माह जुलाई है) 

इस विधि में उसका वेतन निर्धारण- दिनांक 31-12-2015 को प्राप्त वेतन- 9390+2400= 11790 

दिनांक 01-07 -2016 को 3% वार्षिक वेतनवृद्धि- 11790+360=12150 

दिनांक 01-11-2016 को पदोन्नति पर एक वेतनवृद्धि देय होगी- (9750+2400) = 12150*3/100=370  (12150+370=12520         

अब सातवें वेतनमान में वेतन निर्धारण- मूल वेतन- 10120+2800= 12920*2.57= 33204.              LEVEL 8  में समकक्ष कोष्ठिका- 33900  

आगामी वेतनवृद्धि की तिथि माह जुलाई 2017 होगी। 

 

What is Civil Service Regulations 1972

What is Civil Service Regulations 1972 

Civil Service Regulations 1972 में सिविल सरकारी कर्मचारियों की सेवा की शर्तों के सभी पहलुओं जैसे वेतन, भत्ते, अवकाश और पेंशन शामिल थे, तब से पेंशन के अलावा अन्य सभी पहलुओं के संबंध में अलग-अलग नियमों ने अपना स्थान ले लिया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों ने बाद में प्राप्त विधायी शक्तियों के अंतर्गत पेंशन से संबंधित कई प्रावधानों को अपने तरीके से अपनाया और संशोधित किया है। वर्तमान में केवल पेंशन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं जैसा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य में लागू है। उत्तराखंड राज्य द्वारा वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद Civil Service Regulations में कोई परिवर्तन नहीं किया है और पूर्व राज्य की भांति सभी नियमों व Civil Service Regulations को उसी रूप में स्वीकारा है।

Civil Service Rules

How Pay Fixation In 6th Pay Commission

How PAY FIXATION In 6TH PAY COMMISSION

 6TH PAY COMMISSION की संस्तुतियों पर केन्द्र सरकार द्वारा वेतनमान के सम्बन्ध में  लिये गये निर्णय के आधार पर राज्य सरकारों द्वारा प्रदेश सरकारों के विभिन्न शासकीय कर्मचारियों के वेतनमानों के पुनरीक्षण हेतु वेतन समिति का गठन किया गया। उक्त समितियों के प्रतिवेदनो में की गई संस्तुतियों को विचारोपरान्त कतिपय संशोधनों के साथ स्वीकार कर लिया गया।

छठे वेतनमान की कुछ विशेषताएं- 

  1. वार्षिक वेतन वृद्धि माह जनवरी और माह जुलाई नियत होगी।
  2. 01 जनवरी से 30 जून तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जनवरी रहेगी।
  3. 01 जुलाई से 31 दिसंबर तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जुलाई रहेगी।
  4. वेतनवृद्धि की आगणित राशि मूल वेतन और ग्रेड वेतन के योग का 3% होगी।

PAY FIXATION 6TH PAY EXAMPLE- 9300+4200= 13500x 3/100= 405 (10 के गुणांक में 410) वेतनवृद्धि के बाद वेतन 9300+410+4200= 13910

संशोधित वेतन ढाँचे में पदोन्नति अब दो प्रकार से सम्भव हो सकती है-

A – एक ही वेतन बैंड के अन्दर एक ग्रेड वेतन से दूसरे ग्रेड वेतन में पदोन्नति ।

B – एक वेतन बैंड से दूसरे वेतन बैंड में पदोन्नति.

दिनांक 01 जनवरी 2006 को या उसके पश्चात संशोधित वेतन ढांचे में एक ग्रेड पे से दूसरे ग्रेड पे में पदोन्नति की स्थिति में PAY FIXATION निम्नानुसार किया जायेगा।

वेतन बैंड में वेतन में अनुमन्य ग्रेड वेतन जोड़ कर इसके 03 प्रतिशत की धनराशि को 10 के अगले गुणांक में पूर्णाकित किया जायेगा। इस धनराशि को वेतन बैंड में मौजूदा वेतन में जोड़ दिया जायेगा। इसके बाद वेतन बैंड में इसके अतिरिक्त पदोन्नत पद के समकक्ष ग्रेड वेतन में वेतन प्रदान किया जायेगा। जहां पदोन्नति में वेतन बैंड में परिवर्तन भी हो ऐसी स्थिति में इसी प्रविधान के अनुसार कार्यवाही की जाएगी तथापि प्रोन्नति के ठीक पूर्व प्राप्त वेतन वृद्धि जोड़ने के बाद जहां वेतन बैंड में  वेतन पदोन्नति वाले पद के उच्च वेतन बैंड के न्यूनतम से काम होगा तो इस वेतन को उक्त वेतन बैंड में न्यूनतम के बराबर बढ़ा दिया जाएगा।

PAY FIXATION 6TH PAY COMMISSION में वेतन निर्धारण का उदाहरण-

राम की 10 वर्ष की सेवा दिनांक 04-04-2012 को पूर्ण होती है। तत्समय उसका वेतन बैंड ₹15000 तथा ग्रेड वेतन ₹4,200 है। उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि 1 july 2012 को है। दिनांक 04-04-2012  को उसे प्रथम ए.सी.पी. 4,600 स्वीकृत किया जाता है। राम का प्रथम पदोन्नत पद ग्रेड वेतन 4800 है। इस सूचना के आधार पर उसका निम्नानुसार वेतन निर्धारण करें-

  1. एसीपी की स्वीकृति तिथि दिनांक 04-04—2012 को वेतन निर्धारण करें?
  2. कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण करें?  
  3. दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार  पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण करें?

उत्तर -1- एसीपी स्वीकृति तिथि को आहरित वेतन- ₹15000+4200= 19200

एसीपी स्वीकृति पर देय ग्रेड वेतन – ₹ 4600

वेतन निर्धारण- (निम्न वेतनस्तर पर एक वेतनवृद्धि देय होगी)

19200*3/100=576 (10 के गुणांक में 580)  15000+580+4600=20180 (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)

2- कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण-

एसीपी की तिथि 04-04-2012 को मूल वेतन के साथ बढ़ा हुआ ग्रेड वेतन जुड़ जाएगा। 15000+4600=19600

ब- विकल्प की तिथि दिनांक 01-07-12 को निम्न वेतनस्तर पर 3% वेतनवृद्धि दो बार देय होगी। एक बार पदोन्नति के रूप में और दूसरी वार्षिक वेतनवृद्धि के रूप में।

15000+580+600+4600= 20780   (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)

3- दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार  पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण-

वेतन- 16180+4600=20780. पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन- 4800 पर वेतन-16180+4800=20980.

नोट- जिस प्रकार पदोन्नति पर वेतन वृद्धि की तिथि मे परिवर्तन होता है उसी प्रकार वेतन उच्चीकरण की दशा में भी आगामी वेतनवृद्धि की तिथि में परिवर्तन होता है। इस प्रकार इस प्रकरण में आगामी वेतनवृद्धि की तिथि 01 जुलाई 2014 हो जाएगी।