How to Pay fixation in ACP 6th CPC
How to Pay fixation in ACP 6th CPC – 6TH PAY COMMISSION में दिनांक 01-01-2006 से केंद्र और राज्य कर्मचारियों के लिए assured career progression की संस्तुति की गई। इससे पूर्व समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू थी जिसे बदलकर राज्य कर्मचारियों के लिए एसीपी की यह व्यवस्था दिनांक 01-09-2008 से लागू की गई। इसके अंतर्गत किसी कार्मिक को यदि सम्पूर्ण सेवाकाल मे न्यूनतम तीन पदोन्नति प्राप्त नहीं हों तो उस कार्मिक को प्रथम एसीपी 10 वर्ष में, द्वितीय एसीपी 16 वर्ष में तथा तृतीय एसीपी 26 वर्ष में देय होगी। परंतु यह विशेष ध्यान दिया जाए कि इस लेख में केवल छठे वेतनमान के अनुसार एसीपी की व्यवस्था के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इस प्रक्रिया के अनुसार उन्ही प्रकरणों पर कार्यवाही की जाएगी जो केवल दिनांक 31-12-2016 तक की अवधि के लिए होंगे। उसके आगे के लिए सातवें वेतनमान के अनुसार एम0ए0सी0पी0 (MACP- Modified Assured Carrier Progression) लागू होगी, जिसे आप इस लिंक पर देख सकते हैं।
एसीपी की कुछ मुख्य विशेषताएं-
- किसी कार्मिक को यदि पूरे सेवाकाल में न्यूनतम 3 पदोन्नति प्राप्त नहीं होती हैं तो उस कार्मिक को प्रथम एसीपी 10 वर्ष में, द्वितीय एसीपी 16 वर्ष में तथा तृतीय एसीपी 26 वर्ष में देय होगी।
- यदि किसी कार्मिक को प्रथम पदोन्नति तो हो गई है परंतु द्वितीय पदोन्नति नहीं हुई है तो उस दशा में उसे प्रथम पदोन्नति से 6 वर्ष बाद अथवा सम्पूर्ण सेवा के 16 वर्ष पूरे होने पर, जो भी पहले हो पर द्वितीय एसीपी देय होगी।
- इसी प्रकार किसी कार्मिक की प्रथम और द्वितीय पदोन्नति तो हो चुकी है लेकिन तृतीय पदोन्नति न हुई हो तो उस कार्मिक को द्वितीय पदोन्नति से 10 वर्ष बाद अथवा सम्पूर्ण सेवा के 26 वर्ष पूरे होने पर, जो भी पहले हो पर तृतीय एसीपी देय होगी।
- यदि किसी कार्मिक को 10 वर्ष की सेवा पर भी कोई पदोन्नति प्राप्त नहीं हुई है तो उस दशा में उसे 10 वर्ष की सेवा पर प्रथम एसीपी देय होगी। वहाँ पर उसे प्राप्त हो रहे न्यूनतम वेतनमान पर एक वेतन वृद्धि प्राप्त होगी और अग्रेतर ग्रेड वेतन प्रदान किया जाएगा। परंतु भविष्य में उस पद पर वास्तविक पदोन्नति होने पर कोई वित्तीय लाभ देय नहीं होगा। क्योंकि वह पूर्व मे वह लाभ प्राप्त कर चुका है। यही स्थिति प्रत्येक पदोन्नति और एसीपी के लिए समान रूप से लागू होगी।
- 01 जनवरी से 30 जून तक की अवधि के लिए वेतनवृद्धि की तिथि माह जनवरी तथा 01 जुलाई से 31 दिसंबर तक के बीच की अवधि के लिए वेतन वृद्धि की तिथि माह जुलाई रहेगी।
- वेतनवृद्धि की आगणित राशि मूल वेतन और ग्रेड वेतन के योग का 3% होगी।
- एसीपी का लाभ सीधी भर्ती के पद से मिलता है। माना कोई कार्मिक लिपिक संवर्ग में दिनांक 01-01-1996 कनिष्ठ लिपिक ग्रेड वेतन-2000 के पद पर नियुक्त हुआ हो। और उसकी शैक्षिक योग्यता को देखते हुए उसे दिनांक 01-01-2003 को सहायक लेखाकार ग्रेड वेतन- 2800 पर तैनाती दी जाती है। तो उसे द्वितीय एसीपी के रूप में सीधी भर्ती की तिथि से 16 वर्ष की सेवा पर 01-01-2012 को ग्रेड वेतन 4200 देय होगा।
- प्रदेश के अन्य विभागों में समान वेतनमान में की गई सेवा को एसीपी के लिए जोड़ा जा सकता है। परंतु उसके लिए उस कार्मिक की नए विभाग में परिवीक्षा अवधि पूर्ण होनी आवश्यक है। उक्त नियम को
pay fixation in ACP EXAMPLE- 9300+4200= 13500x 3/100= 405 (10 के गुणांक में 410) वेतनवृद्धि के बाद वेतन 9300+410+4200= 13910
संशोधित वेतन ढाँचे में पदोन्नति अब दो प्रकार से सम्भव हो सकती है-
A – एक ही वेतन बैंड के अन्दर एक ग्रेड वेतन से दूसरे ग्रेड वेतन में पदोन्नति ।
B – एक वेतन बैंड से दूसरे वेतन बैंड में पदोन्नति.
दिनांक 01 जनवरी 2006 को या उसके पश्चात संशोधित वेतन ढांचे में एक ग्रेड पे से दूसरे ग्रेड पे में पदोन्नति की स्थिति में PAY FIXATION निम्नानुसार किया जायेगा।
वेतन बैंड में वेतन में अनुमन्य ग्रेड वेतन जोड़ कर इसके 03 प्रतिशत की धनराशि को 10 के अगले गुणांक में पूर्णाकित किया जायेगा। इस धनराशि को वेतन बैंड में मौजूदा वेतन में जोड़ दिया जायेगा। इसके बाद वेतन बैंड में इसके अतिरिक्त पदोन्नत पद के समकक्ष ग्रेड वेतन में वेतन प्रदान किया जायेगा। जहां पदोन्नति में वेतन बैंड में परिवर्तन भी हो ऐसी स्थिति में इसी प्रविधान के अनुसार कार्यवाही की जाएगी तथापि प्रोन्नति के ठीक पूर्व प्राप्त वेतन वृद्धि जोड़ने के बाद जहां वेतन बैंड में वेतन पदोन्नति वाले पद के उच्च वेतन बैंड के न्यूनतम से काम होगा तो इस वेतन को उक्त वेतन बैंड में न्यूनतम के बराबर बढ़ा दिया जाएगा।
PAY FIXATION 6TH PAY COMMISSION में वेतन निर्धारण का उदाहरण- pay fixation in ACP
राम की 10 वर्ष की सेवा दिनांक 04-04-2012 को पूर्ण होती है। तत्समय उसका वेतन बैंड ₹15000 तथा ग्रेड वेतन ₹4,200 है। उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि 1 july 2012 को है। दिनांक 04-04-2012 को उसे प्रथम ए.सी.पी. 4,600 स्वीकृत किया जाता है। राम का प्रथम पदोन्नत पद ग्रेड वेतन 4800 है। इस सूचना के आधार पर उसका निम्नानुसार वेतन निर्धारण करें-
- एसीपी की स्वीकृति तिथि दिनांक 04-04—2012 को वेतन निर्धारण करें?
- कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण करें?
- दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण करें?
उत्तर -1- एसीपी स्वीकृति तिथि को आहरित वेतन- ₹15000+4200= 19200
एसीपी स्वीकृति पर देय ग्रेड वेतन – ₹ 4600
वेतन निर्धारण- (निम्न वेतनस्तर पर एक वेतनवृद्धि देय होगी)
19200*3/100=576 (10 के गुणांक में 580) 15000+580+4600=20180 (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)
2- कार्मिक के विकल्प के अनुसार आगामी वेतन वृद्धि की तिथि 01-07-2012 को वेतन निर्धारण-
एसीपी की तिथि 04-04-2012 को मूल वेतन के साथ बढ़ा हुआ ग्रेड वेतन जुड़ जाएगा। 15000+4600=19600
ब- विकल्प की तिथि दिनांक 01-07-12 को निम्न वेतनस्तर पर 3% वेतनवृद्धि दो बार देय होगी। एक बार पदोन्नति के रूप में और दूसरी वार्षिक वेतनवृद्धि के रूप में।
15000+580+600+4600= 20780 (आगामी वेतनवृद्धि 1 जनवरी 2013)
3- दिनांक 01-11-2013 को उत्तराखंड राज्य में शासनादेश संख्या-770 दि0- 06-11-2013 के अनुसार पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन स्वीकृत होने पर वेतन निर्धारण-
वेतन- 16180+4600=20780. पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन- 4800 पर वेतन-16180+4800=20980.
नोट- जिस प्रकार पदोन्नति पर वेतन वृद्धि की तिथि मे परिवर्तन होता है उसी प्रकार वेतन उच्चीकरण की दशा में भी आगामी वेतनवृद्धि की तिथि में परिवर्तन होता है। इस प्रकार इस प्रकरण में आगामी वेतनवृद्धि की तिथि 01 जुलाई 2014 हो जाएगी।