समयमान वेतनमान
उत्तराखंड राज्य में समयमान वेतनमान व्यवस्था शासनदेश संख्या 1014/01-वित्त/2001 दिनांक 12 मार्च 2001 के द्वारा वेतन समिति (1997-99) की संस्तुतियों पर लिए गए निर्णयानुसार राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के शासनादेश संख्या 560 दिनांक 02 दिसंबर 2000 के अनुरूप उत्तराखंड राज्य के कर्मचारियों को भी तदनुसार समयमान वेतनमान की व्यवस्था लागू की गई।
(समयमान वेतनमान से संबंधित शासनादेश)
समयमान व्यवस्था के अंतर्गत ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनके पद के वेतनमान का अधिकतम रू0 10500 तक है, उन्हे समयमान वेतनमान की निम्न व्यवस्था लागू की गई है:-
प्रथम वेतनवृद्धि- अधिकारी/कर्मचारी, जो एक पद पर 8 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा दिनांक 01-01-1996 अथवा उसके बाद की तिथि को पूर्ण करते हैं, उन्हे समयमान वेतनमान के अंतर्गत सेलेक्शन ग्रेड का लाभ अनुमन्य कराने हेतु पद के पुनरीक्षित वेतनमान में ही उस तिथि को एक वेतन वृद्धि स्वीकृत की जाए।
प्रथम वैयक्तिक प्रोन्नत वेतनमान- ऐसे अधिकारी/कर्मचारी, जो सेलेक्शन ग्रेड के लाभ की तिथि से 6 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा सहित कुल 14 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो और संबंधित पर पर नियमित हो चुके हों, को प्रोन्नति का अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से अनुमन्य होगा। ऐसे संवर्ग/पद जिनके लिए प्रोन्नति का कोई पद नहीं है। उनको उस वेतनमान से अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से देय होगा।
प्रथम वैयक्तिक प्रोन्नत/अगले वेतनमान में वेतनवृद्धि- प्रथम प्रोन्नत वेतन माँ से 5 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण करने अथवा 19 वर्ष की सेवा पर एक वेतनवृद्धि का लाभ दे होगा।
द्वितीय वैयक्तिक प्रोन्नत वेतनमान- ऐसे अधिकारी/कर्मचारी, जिन्हे प्रथम वैयक्तिक प्रोन्नत/अगले वेतनमान में वेतनवृद्धि की तिथि से 5 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा सहित कुल 24 वर्ष की अनवरत संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो , को प्रोन्नति का द्वितीय वेतनमान वैयक्तिक रूप से अनुमन्य होगा। ऐसे संवर्ग/पद जिनके लिए प्रोन्नति का कोई पद नहीं है। उनको उस वेतनमान से अगला वेतनमान वैयक्तिक रूप से देय होगा।